रोक लगाओ बाल मजदूरी... सिसक-सिसक के बोल रही... रोक लगाओ बाल मजदूरी... सिसक-सिसक के बोल रही...
आओ हम सब मिलकर बदल दें भविष्य का चित्र, प्रकृति को बना लें अपना अभिन्न मित्र। आओ हम सब मिलकर बदल दें भविष्य का चित्र, प्रकृति को बना लें अपना अभिन्न मित्र।
ना काट इन पेड़ों को तू, खुद को तबाही के तरफ तू खींचने लगा है.. ना काट इन पेड़ों को तू, खुद को तबाही के तरफ तू खींचने लगा है..
बाल मज़दूरी के एक कविता। बाल मज़दूरी के एक कविता।
तब भगवान कहेगा, जो तुम्हारे पास है उसे ही नहीं बचा पाये तो मेरे बरसने का क्या फायदा...! तब भगवान कहेगा, जो तुम्हारे पास है उसे ही नहीं बचा पाये तो मेरे बरसने का क्य...
नारी शक्ति ही निहित है , सृष्टि के संचालन में वो मूर्ति नहीं , है इंसान इस अग जग में नारी शक्ति ही निहित है , सृष्टि के संचालन में वो मूर्ति नहीं , है इंसान इस अ...